सावधान! आपके फोन में आ सकता है 'एजेंट स्मिथ', एक झटके में खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट



 भारत समेत कई देशों के 2.5 करोड़ एंड्रॉयड यूजर्स के फोन पर वायरसअटैक होने की बात सामने आई है। इजराइली साइबर सिक्योरिटी रिसर्च कंपनी चेक पॉइंट के मुताबिक, इस खतरनाक वायरस ने सबसे ज्यादा भारत जैसे विकासशील देशों के एंड्रॉयड यूजर्स को अपना निशाना बनाया है। वायरस के जरिए वॉट्सऐप के साथ दूसरे ऐप्स हैक हो जाते हैं। उनकी जगह डुप्लीकेट वर्जन इन्स्टॉल हो जाता है। बाद में इसकी मदद से हैकर्स यूजर्स का निजी डेटा चोरी कर सकते है।
  • एजेंट स्मिथ नाम का मैलवेयर

    चेक पॉइंट के मुताबिक 'एजेंट स्मिथ' नाम का यह मैलवेयर डिवाइस को आसानी से एक्सेस करता है। ये यूजर्स को फाइनेंशियल प्रॉफिट वाले विज्ञापन दिखाता है, जिसका इस्तेमाल यूजर्स के बैंकिंग डिटेल्स को चुराने के लिए किया जा सकता है। ये मैलवेयर Gooligan, Hummingbad और CopyCat से मिलता-जुलता है।

  • इस तरह हमला करता है यह वायरस : चेक प्वाइंट के थ्रेट डिटेक्शन रिसर्च के प्रमुख जोनाथन शिमोनोविक ने कहा कि यह मैलवेयर बहुत चुपके से यूजर द्वारा इन्स्टॉल किए गए ऐप्लीकेशन को टारगेट करता है जिसकी वजह स सामान्य एन्ड्रॉयड फोन के लिए इससे निपटना आसान नहीं रहता। इस वायरस ने हिंदी, अरबी, रूसी, इंडोनेशियाई भाषा का उपयोग करने वालों के मोबाइल फोन का निशाना बनाया है। 
  • अगर आपके स्मार्टफोन में भी Agent Smith वायरस आ गया हैं , तो उसे उसे आसानी से हटाए.

  • एंड्रॉयड स्मार्टफोन में सिक्योरिटी को लेकर हमेशा खतरा रहता है। आए दिन एंड्रॉयड फोन में मैलवेयर या वायरस देखने को मिल जाते हैं। अब सिक्योरिटी फर्म चेकप्वाइंट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दुनियाभर के 2.5 करोड़ एंड्रॉयड फोन एजेंट स्मिथ (Agent Smith) मैलवेयर की चपेट में हैं। । यह वायरस एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में यूजर्स की जानकारी के बिना पहुंचा है और खास बात यह है कि गूगल से संबंधित एप के जरिए फोन में आया है।
    बतादें की ऐसे में लोगों को इसकी जरा सी भी भनक नहीं लगी है। यह एप यूजर्स के फोन में पहले से मौजूद एप को वायरस वाले एप से बदल दे रहा है। इस मैलवेयर की चपेट में भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका तक के यूजर्स आए हैं।यदि यह वायरस आपके फोन में पहुंच गया है, तो वह आपकी इजाजत के बिना डिवाइस का पूरा एक्सेस ले चुका होगा। जैसे कि कैमरा, लोकेशन, कॉल, मैसेज आदि के एक्सेस उसके पास होंगे।
    लेकिन इसके बाद यह एप आपके फोन में तमाम तरह के वित्तीय धोखाधड़ी वाले विज्ञापन दिखा रहा होगा। इन विज्ञापनों की मदद से यह वायरस आपकी वित्तीय जानकारी भी चोरी कर सकता है। इस एप की खास बात यह है कि इसका आइकन आपको नहीं दिखेगा। ऐसे में आपको पता ही नहीं चलेगा कि यह फोन आपके एप में है भी या नहीं। यह एप आपके फोन में मौजूद व्हाट्सएप और गूगल जैसे लोकप्रिय एप को रिप्लेस कर सकता है।इसके अलावा यह एप यूजर्स को प्ले-स्टोर से ड्रॉपर एप जैसे 9Apps को डाउनलोड करवाता है।
    जहां ऐसे एप्स को डाउनलोड करने पर मजबूर करने के लिए वह फ्री गेम एप्स, एडल्ट और फ्री ऑफर्स जैसे विज्ञापन दिखाता है। 9एप्स जैसे थर्ड पार्टी एप स्टोर से डाउनलोड होने वाले एप्स इनक्रिप्टेड होते हैं और उनमें पहले से ही वायरस मौजूद होते हैं। इसके बाद आपके फोन में आने वाले एप्स यूजर्स के फोन में मौजूद व्हाट्सएप, एमएक्स प्लेयर, शेयरइट जैसे लोकप्रिय एप की जांच करता है।
    दरअसल इसके बाद जैसे ही पहले से ही तय किया गया कोई एप यूजर्स के फोन में मिलता है तो वायरस असली एप को उसी नाम से बदल देता है। ऐसे में लोगों को पता ही नहीं चलता है कि वे असली एप इस्तेमाल कर रहे हैं या वायरस वाले एप।
    इस एप ने हिन्दी, अरबी, रशिया और इंडोनेशिया बोलने वाले लोगों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया है।